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Wednesday, 12 July 2017

बड़ा-खुलासा: 53 शिवभक्तों की जान बचाने वाले ड्राइवर सलीम ने खुद बताई पुरी हकीकत,देखे विडियो

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जम्मू कश्मीर में अमरनाथ से लौट रही यात्रियों की बस में सवार 53 लोगों की जान बचाने वाले बस ड्राइवर सलीम मिर्जा हर तरफ चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनकी बहादुरी के चर्चे सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक पहुंच चुके हैं। गुजरात पहुंचने के बाद एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सलीम ने कहा कि उन्होंने भारतीय होने पर गर्व है और अगर भगवान शिव ने चाहा तो वह फिर अमरनाथ जाएंगे। सलीम ने आतंकी हमले की पूरी कहानी और अपना अनुभव विस्तार से बताया।



इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों को याद करते हुए सलीम कहते हैं कि मैं दुखी हूं कि अपनी बस में सवार सभी यात्रियों की जान नहीं बचा सका। मुझे हमेशा इस बात का अफसोस रहेगा कि मैं सात जानें नहीं बचा पाया, पर इस बात का सुकून है कि 50 से ज्यादा लोगों को बचाकर मैं सुरक्षित स्थान पर ले जा सका। हर्ष की तारीफ करते हुए सलीम कहते हैं कि इसका पूरा श्रेय हर्ष भाई को जाता है, जो उस वक्त क्लीनर की सीट पर बैठे थे और उन्होंने ही मुझसे कहा था कि मैं बस को न रोकूं और तेजी से आगे बढ़ाता रहूं। उन्होंने ही मुझे नीचे की ओर झुक जाने की सलाह दी थीजैसे ही गोलियां चलीं, मैं नीचे फर्श पर लेट गया। मुझे नहीं पता था कि बस कहां जा रही है, लेकिन मैंने स्टियरिंग से अपना हाथ नहीं हटाया। इस बीच हर्ष भाई को वे गोलियां लग गईं जो मुझे लग सकती थीं, अगर मैं नीचे की तरफ झुका न होता।

सलीम ने बताया कि बस में पंक्चर की वजह से हम दो घंटे बीस मिनट लेट थे। यह हादसा रात 8 बजे के बाद हुआ जब ज्यादातर यात्री सो रहे थे। बस के मालिक के बेटे हर्षभाई, क्लीनर की सीट पर बैठे थे। जैसे ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू की, उन्होंने मुझे नीचे झुक जाने को कहा। उन्होंने गजब की फुर्ती दिखाई। मालिक ने, भगवान ने अचानक मुझे हिम्मत दी। मैं बस को आगे बढ़ाता चला गया। इस दौरान यात्रियों काफी घबरा गए और चिल्लाने लगे। लेकिन मैंने पूरा ध्यान बस को आगे बढ़ाने पर दिया।


लीम के अनुसार, लगभग दो किलोमीटर बाद, मुझे सेना के लोग दिखे। मैंने बस को रोका और उन्हें बताने के लिए भागा कि हमारे साथ क्या हुआ है। उन्होंने तुंरत हमारी मदद की। उन्होंने मुझे और यात्रियों को संभाला, हमें हिम्मत बंधाई। सात लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। सेना के जवानों ने हमें सुरक्षित होने का अहसास कराया। बाद में कई लोग मेरे पास आए और कहा, ‘सलीम भाई सलाम।मैं आपको यह जरूर बताना चाहूंगा कि सेना के लोगों ने हमारा बहुत सहयोग किया। उन्होंने मेरा नाम और नंबर भी लिखा। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही बस पर हमला करने वाले आतंकियों को पकड़ लेंगे। सलीम ने कहा कि अगर अल्लाह और शिवजी ने चाहा तो मैं फिर अमरनाथ जाऊंगा। 

  

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