पिछले 4 दिनों
से पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम से सटे चीन के बॉर्डर पर तनाव है। भारत और चीन की
सेनाएं आमने-सामने हैं। वहीं पाकिस्तान भी फायरिंग कर रहा है। अभी मिल रही खबरों
के मुताबिक पाकिस्तान सुबह से loc पर फायरिंग कर रहा है और सेना इसका मुहतोड़ जवाब दे रहा है
कल चीन ने बॉर्डर पर टैंक तैनात किए थे आज भारत ने बॉर्डर पर अपने सबसे
शक्तिशाली टैंक भेज दिए हैं। बता दें कि चीन ने भारतीय सैनिकों पर बॉर्डर में
घुसने और सड़क निर्माण का काम रोकने का आरोप लगाया है।
चीनी सेना ने भारत के दो बंकरों को तोड़ दिया और कहा कि ये चीन की सीमा में
बने हुए थे। बीजिंग से भी चीन सख्त संदेश दे रहा है और बॉर्डर पर माहौल बिगाड़ने
का आरोप लगातार लगा रहा है। हम समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर क्या है सिक्किम
में बॉर्डर पर विवाद का कारण।
बॉर्डर पर चीन को रास नहीं आ रही भारत की तैयारियां :
मोदी सरकार ने पिछले तीन साल में चीन सीमा पर सैन्य तैयारियां तेज की है। पीएम
मोदी ने चीन सीमा के लिए 1 लाख
सैनिकों की माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने, फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील, समंदर में नेवी के लिए अमेरिका से गार्डियन ड्रोन की खरीद, अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 का भारत में निर्माण, हॉवित्जर तोप की खरीद समेत कई कदम उठाए हैं जिससे चीन
बौखलाया हुआ है। इसके अलावा चीन सीमा से लगते इलाकों बुनियादी सुविधाओं के विकास
के लिए भी कदम उठाए गए हैं। जैसे चीन बॉर्डर के पास ग्लोबमास्टर विमान की लैडिंग, असम में चीन सीमा तक जाने वाले सड़क पुल का निर्माण, लेह तक रेल मार्ग का विस्तार आदि कई कदम ऐसे है जिसे चीन
बॉर्डर पर भारत की बढ़ती तैयारियों के रूप में देखता है।
अमेरिका से दोस्ती भी चीन को खटक रही :
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से भी चीन काफी बौखलाया हुआ है। ट्रंप-मोदी की
दोस्ती की तस्वीरों के बाद चीन की प्रतिक्रिया आई थी कि भारत गुटनिरपेक्षता की
अपनी नीती छोड़कर अमेरिका के साथ चीन के खिलाफ खड़ा हो रहा है ये भारत के लिए
विनाशकारी साबित हो सकता है।
चीन क्यों नहीं बन सकता भारत का स्वाभाविक दोस्त?
कई मामलों पर दो पड़ोसी देश भारत और चीन आमने-सामने हैं। हाल में दलाई लामा की
अरुणाचल यात्रा को लेकर भी चीन ने आपत्ति जताई थी। जबकि भारत ने उस शुद्ध
आध्यात्मिक यात्रा बताया था। इससे पहले भारत ने चीन-पाकिस्तान की सीपीईसी
प्रोजेक्ट से दूरी बनाई थी तब भी चीन ने भारत पर निशाना साधा था। एनएसजी में भारत की
एंट्री में भी ची बाधा बनता रहा है। पाकिस्तान से सक्रिय हाफिज सईद समेत तमाम
आतंकियों पर बैन लगवाने की भारत की कोशिशों में भी चीन अड़ंगा लगाता रहा है।
दक्षिण चीन सागर में भी भारत अमेरिका और जापान के साथ मिलकर चीन की दादागीरी का
विरोध करता रहा है। ये सभी बातें चीन को खटकती रही हैं। ऐसे माहौल में चीन और भारत
के बीच सहयोग की संभावनाएं बहुत कम है। इसको ध्यान में रखते ही भारत आगे बढ़ रहा
है।
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